ट्रेन में सफर के दौरान महिला दारोगा का चोरी गया पिस्टल बरामद
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ट्रेन में सफर के दौरान महिला दारोगा का चोरी गया पिस्टल बरामद

ट्रेन में सफर के दौरान महिला दारोगा का चोरी गया पिस्टल बरामद

ट्रेन में सफर के दौरान महिला दारोगा का चोरी गया पिस्टल बरामद

नक्सल गिरोह को पिस्टल बेचने की कर रहे थे तैयारी 

पाँच अपराधी इंडिगो कर के साथ हुए गिरफ्तार

सहरसा (बिहार) : जिले के बिहरा थाना में पदस्थापित पीएसआई निक्की कुमारी का चोरी हुए सरकारी पिस्टल को एसपी लिपि सिंह द्वारा गठित टीम ने कड़ी मेहनत के बाद बरामद कर लिया है। यही नहीं, चोरी में संलिप्त 5 अपराधियों की भी गिरफ्तारी कर ली गई है। उक्त बरामदगी के दौरान चोर द्वारा उपयोग में लाई जा रही कार को भी जब्त कर लिया गया है। गौरतलब है कि कार की सीट के नीचे उक्त पिस्टल को छिपा कर रखा गया था। एसपी लिपि सिंह के मुताबिक, उक्त पिस्टल को नक्सली गैंग को बेचने की तैयारी थी। लेकिन अपराधियों के सारे मंसूबों पर पानी फिर गया। जानकारी हो कि सभी शातिर अपराधी रेलवे सहित अन्य इलाके में कई चोरी,लूट, अपहरण सहित अन्य संगीन घटनाओं के आरोपी भी रहे हैं। इस बड़ी कामयाबी पर लेडी सिंघम के नाम से मशहूर हो चुकी 
एसपी लिपि सिंह ने बताया कि बीते 7 दिसंबर को बिहरा थाना में पदस्थापित पीएसआई निक्की कुमारी का सरकारी पिस्टल खगड़िया और सहरसा रेलवे स्टेशन के बीच, ट्रेन यात्रा के दौरान चोरी हो गया था। इस बड़ी घटना की प्राथमिकी सहरसा रेल थाना में दर्ज की गई थी। एसपी लिपि सिंह ने इस कांड के पटाक्षेप के लिए एसआईटी टीम का गठन किया। घटना की प्राथमिकी भले ही रेल थाना में दर्ज हुई थी लेकिन हथियार  सहरसा जिला पुलिस बल का था। इसलिए एसपी के निर्देश पर सहरसा पुलिस की भी एक टीम मामले की जाँच कर रही थी। प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक निशिकांत भारती, सदर थाना अध्यक्ष जयशंकर प्रसाद, पीएसआई वर्षा कुमारी, एएसआई नरेंद्र सिंह और टेक्निकल सेल के अमर कुमार को मामले के अनुसंधान के लिए, गठित टीम में शामिल किया गया था। इस अनुसंधान के दौरान कई रेलवे स्टेशन पर लगे सीसीटीवी फुटेज की जाँच की गई थी।
पुलिस टीम द्वारा बेगूसराय, खगड़िया, मानसी, सहरसा सहित अन्य रेलवे स्टेशनों पर लगे सीसीटीवी फुटेज को भी खंगाला गया था। जाँच के लिए, ढ़ेर सारे सीसीटीवी फुटेज भी एकत्र किए गए थे। जानकारी के मुताबिक कोपरिया रेलवे स्टेशन पर भी तकनीकी अनुसंधान के लिए आवश्यक महत्वपूर्ण सुराग एकत्र किए गए थे। एसपी लिपि सिंह ने बताया कि इस बड़ी घटना को सहरसा पुलिस ने भड़े चैलेंज के तौर पर लिया था। सोए हुए गुप्तचरों को करीने से अलर्ट किया गया था। गौरतलब है कि तकनीकी अनुसंधान के दौरान कुछ महत्वपूर्ण सुराग हाथ लगे थे। जिसके सहारे टीम अपने अनुसंधान को आगे बढ़ा रही थी। कई मोबाइल नंबरों के सीडीआर खंगाले गए थे। यही नहीं, कई जगहों पर दबिश भी दी गई थी। हर दिन पुलिस की छापामारी चल रही थी। इस दौरान, गुप्तचर से जानकारी मिली कि सौर बाजार थाना क्षेत्र में खगड़िया के कुछ अपराधी आने वाले हैं। उनके बारे में यह भी सूचना थी कि उनकी संलिप्तता पिस्टल चोरी की घटना में हो सकती है। इस सूचना पर, प्रशिक्षु पुलिस उपाधीक्षक निशिकांत भारती, सदर इंस्पेक्टर आर.के.सिंह, सदर थाना अध्यक्ष जयशंकर प्रसाद, सौर बाजार थाना अध्यक्ष राजेश कुमार तथा अन्य पुलिसकर्मी की एक टीम को सौर बाजार थाना क्षेत्र में आवश्यक कार्यवाही के लिए भेजा गया। पुलिस टीम रात 12 बजे से सौर बाजार थाना में कैंप कर रही थी। बुधवार की रात करीब 3 से 4 बजे के बीच एक संदिग्ध लाल रंग की इंडिगो कार को रोका गया। कार चालक गाड़ी को रोकने के बदले, काफी तेजी से भगाना शुरू कर दिया। पुलिस ने गाड़ी का पीछा किया। गाड़ी को किसी तरह ओवरटेक कर रोका गया। उक्त कार में 5 लोग सवार थे। कार की, सूक्ष्मता से तलाशी ली गई। तलाशी के दौरान, सीट के नीचे एक थैले में छुपा कर रखा गया काला रंग का पिस्टल बरामद किया गया। कार में मौजूद पाँचों लोग से, बारी-बारी पिस्टल के कागजात की मांग की गई। उनके पास हथियार से संबंधित कोई कागजात नहीं थे। पूछ-ताछ के दौरान उन्होंने स्वीकार किया कि यह वही पिस्टल है, जिसकी तलाश पुलिस बेसब्री से कर रही है। यह वही पिस्टल है, जिसे खगड़िया से सहरसा के बीच विगत 7 दिसंबर को ट्रेन से चोरी कर लिया गया था। कार में सवार अमन पंडित, श्याम सुंदर पासवान, कार्तिक पासवान, रौशन यादव और नीरज कुमार यादव को गिरफ्तार किया गया। सभी खगड़िया जिले के रहने वाले हैं। उनका मुख्य पेशा ट्रेन और विभिन मुहल्लों में चोरी करना है। ट्रेनों के अलावा मोहल्ले में भी ये शातिर, चोरी और डकैती की कई घटनाओं को अंजाम दे चुके थे। बेगूसराय, खगड़िया, सहरसा, नवगछिया और भागलपुर तक इन औराधियों का नेटवर्क था। ये अपराधी ट्रेन के अलावे, चारपहिया गाड़ी से सफर करते थे। इन्हें, जहाँ मौका मिलता था, वे वहीं चोरी की घटना को अंजाम दिया करते थे। अमन पंडित इस घटना का मुख्य मास्टर माईंड है। 
गिरफ्तार अपराधियों का आपराधिक इतिहास है। अमन पंडित ने इस काँड में लाईनर और षडयंत्रकर्ता की भूमिका निभाई थी। अमन पंडित के कनेक्शन बेगूसराय और साहेबपुर कमाल में होने के भी कुछ सुराग मिले हैं, जिसकी जाँच चल रही है। 

ट्रेन में सफर के दौरान महिला दारोगा का चोरी गया पिस्टल बरामद
पाँचों अपराधियों के खिलाफ सौर बाजार थाना में प्राथमिकी दर्ज की गई है। अमन पंडित नौगछिया जिले में फिरौती के लिए अपहरण की घटना को भी अंजाम दे चुका है। दीगर बात है कि उसने दवा दुकानदार का भी अपहरण किया था। एसपी लिपि सिंह ने बताया कि गिरफ्तार अपराधियों ने पूछताछ में यह भी बताया कि चोरी की गई पिस्टल को किसी बड़े अपराधी गिरोह अथवा नक्सली संगठन को बेचे जाने की तैयारी चल रही थी। लेकिन पुलिस ने समय पर कार्रवाई कर हथियार को बरामद कर लिया।
इस घटना में खगड़िया जिले के मानसी थाना क्षेत्र अंतर्गत अमनी गाँव निवासी योगेंद्र पंडित के पुत्र अमन पंडित उर्फ बिट्टू , अमनी गाँव के ही रामविलास पासवान के पुत्र श्याम सुंदर पासवान उर्फ मोटू उर्फ केटू , मानसी अरैया गाँव निवासी पलटू पासवान के पुत्र कार्तिक पासवान, ठूठठी मानसी गाँव निवासी रामनिवास यादव के पुत्र रौशन यादव और मानसी खुटिया गाँव निवासी लिखो यादव के पुत्र नीरज कुमार यादव की गिरफ्तारी हुई है। इन अपराधियों के पास से महिला दारोगा से चोरी गए 9 एमएम का एक पिस्टल, मैगजीन, 9 एमएम पिस्टल के पाँच कारतूस भी बरामद किये गए है। पुलिस ने अपराधियों की टाटा इंडिगो कार को भी जब्त कर लिया है। इसके अलावे चोरी में इस्तेमाल होने वाले, कई अन्य सामान की भी बरामदगी हुई है। कुल मिला कर, सहरसा पुलिस की यह बेहद बड़ी कामयाबी है। पीएसआई निक्की कुमारी की एक तरफ जहाँ नौकरी फँसी हुई थी, वहीँ लोग इस घटना को मशखरी के तौर पर ले रहे थे। जाहिर तौर पर पुलिस की काफी किरकिरी हो रही थी। लोग खुले आम कह रहे थे कि सहरसा के तमाम थाने, ओपी और शिविर अवैद्य तरीके से धन उगाही के केंद्र बन गए है। पुलिस अपराधियों की जगह, निर्दोष युवाओं को ही जेल भेज रही है। लोग सहरसा एसपी लिपि सिंह को लेकर भी भद्दी-भद्दी बातें करते रहते हैं। हद बात तो यह है कि पुलिस कर्मी भी, कई जगहों पर एसपी के द्वारा धन उगाही किये जाने की बात करते हैं। आम लोगों का कहना है कि सभी थानेदारों को मोटी रकम, एसपी को देनी होती है। लोग अब खाकी को देखते ही मुँह फेर लेते हैं। लेकिन हमारी समझ से एसपी की बहादुरी की बातें की जानी चाहिए। अपने अल्प कार्यकाल में एसपी लिपि सिंह ने जितने करिश्में किये हैं और जितने अपराधियों को दबोचा है, वह मिल का पत्थर है। यह सही है कि जो काम करेंगे, उन्हीं को आरोप भी झेलने पड़ेंगे। हम तो, ताल ठोंक कर कहेंगे कि एसपी लिपि सिंह, ना केवल शेरनी की तरह अपराधियों को दबोचती है बल्कि बेहतरीन पुलिसिंग के जरिये जिले में खौफ का पर्याय भी बन चुकी हैं।
मुकेश कुमार सिंह